महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री भुजबल को मिली जमानत

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मुंबई। बम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को शुक्रवार को जमानत दे दी। भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में 14 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किए गए भुजबल लगभग दो साल दो महीने से जेल में हैं। उनके अधिवक्ता सुजय कांटावाला ने संवाददाताओं को बताया कि इससे पहले नासिक के येवला से विधायक भुजबल (71) की जमानत याचिका पांच बार खारिज की जा चुकी थी। उनके खराब स्वास्थ्य, बढ़ती आयु तथा मामले की अभी तक सुनवाई शुरू नहीं होने जैसे तथ्यों को देखते हुए शुक्रवार को उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली गई।

उनके वकीलों ने न्यायालय के आदेश के बाद कहा कि ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ के पैरोकार और प्रदेश की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाले भुजबल की जमानत की औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद शुक्रवार शाम तक वह जेल से बाहर आ सकते हैं। इसके लिए उन्होंने पांच लाख रुपये की जमानत राशि भी जमा की है।

राकांपा नेता अजीत पवार और सांसद सुप्रिया सुले पवार ने उन्हें जमानत मिलने पर खुशी जाहिर की है। इस दौरान भुजबल के हजारों समर्थकों ने आतिशबाजी कर तथा मिठाइयां बांटकर खुशी मनाई। आम आदमी पार्टी (आप) की पूर्व नेता और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने कहा कि न्यायालय ने उन्हें मात्र जमानत दी है। उन्होंने कहा, “वे (भुजबल) अभी भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी या निर्दोष सिद्ध नहीं हुए हैं और वे दोबारा जेल जाएंगे।”

महात्मा फूले समता परिषद के संस्थापक अध्यक्ष भुजबल पर लोक निर्माण मंत्री के उनके कार्यकाल के दौरान नई दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में घोटाला, धन शोधन और अन्य मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उनकी भूमिका की जांच चल रही है। खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे भुजबल पिछले दो साल में कई बार अस्पताल जा चुके हैं। यह हालांकि अभी तक सुनिश्चित नहीं हुआ है कि वे सक्रिय राजनीति में आएंगे या नहीं।