आज देश भर में 73वां गणतन्त्र दिवस बड़े ही शान से मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि आखिर 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतन्त्र दिवस? बता दें कि इसी तारीख को भारतीय संविधान लागू हुआ था जब एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए भारत का ट्रांजिशन को पूरा किया। जब हमने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, तब भी भारत ब्रिटिश भारत पर शासन करने वाले संविधान का पालन कर रहा था। जो कि अंग्रेजों द्वारा 1919 और 1935 के भारत सरकार अधिनियमों पर आधारित था, जिसने अंततः 1949 में तैयार किए गए भारत के संविधान की नींव रखी। यह संविधान था जो 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ जब देश में पहली बार गणतंत्र दिवस मनाया गया था।
बता दें कि 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा संविधान को अपनाने के बाद इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। इस तारीख को चुनने के पीछे खास वजह यह थी कि यह पूर्ण स्वराज दिवस के साथ मेल खाता था जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के विरोध में पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी।
भारत के गणतंत्र की यात्रा कई सालों पुरानी है, जो 1930 में शुरू हुई थी। जिसके बाद सन 1930 से 15 अगस्त 1947 तक पूर्ण स्वराज दिवस यानी 26 जनवरी को ही स्वतत्रंता दिवस मनाया जाता था। देश का संविधान 2 साल, 11 महीने और 17 दिन में तैयार किया गया था। जिसके बाद देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी को देशभर में गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की।