मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने जम्मू एवं कश्मीर के अपने दौरे पर एक हलफनामा सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में दाखिल किया. वह अपने पार्टी के साथी मोहम्मद यूसुफ तारिगामी से मिलने राज्य के दौरे पर गए थे. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ ने 28 अगस्त को येचुरी को इजाजत दी थी कि वह राज्य में जाकर तारिगामी से मुलाकात कर सकते हैं.
हालांकि न्यायालय ने उन्हें किसी अन्य गतिविधि में शामिल नहीं होने के लिए कहा था. येचुरी ने तारिगामी के हिरासत को चुनौती देते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी, जिसपर न्यायालय ने यह आदेश दिया था. तारिगामी को पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 निष्क्रिय किए जाने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया था.
याचिका में यह भी कहा गया था कि तारिगामी की सेहत ठीक नहीं है और येचुरी उनसे मिलना चाहते हैं. बता दें कि सीताराम येचुरी ने पहले जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) जाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था. येचुरी राज्य के पार्टी इकाई के सदस्यों के परिवारों से मुलाकात करने जम्मू एवं कश्मीर गए थे. सीताराम येचुरी और डी राजा ने जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को पहले पत्र लिख कर अपनी यात्रा के बारे में सूचित किया था. फिलहाल येचुरी (Sitaram Yechury) के साथ ही एक छात्र को भी अपने माता-पिता से मिलने की मंजूरी दी गई थी.