कब है वट सावित्री पूजा? जाने क्यों और कैसे करें बरगद पेड़ की पूजा

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इस वर्ष वट सावित्री व्रत 30 मई को पड़ रहा है। इस वार यह बेहद खास होने वाला है क्योंकि वट सावित्री व्रत पर सोमवती अमावस्या और शनि जयंती भी पड़ रही है। मान्यता है कि यह व्रत महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। इस खास दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती है और बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं।

कहा जाता है कि बरगद पेड़ की आयु काफी अधिक होती है, यही वजह है कि महिलाएं भगवान से इसी पेड़ की तरह अपने पति की आयु भी मांगती हैं। हिंदू धर्म में बरगद वृक्ष को पूजनीय माना जाता है, शास्त्रों के अनुसार, इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में बरगद की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

ऐसे करें बरगद की पूजा

इस दिन महिलाओं को सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करना चाहिए।
अब घर के मंदिर में दीप जलाएं।
इसके बाद बरगद के पेड़ के नीचे सावित्रि और सत्यवान की प्रतिमा रखकर जल अर्पित करें।
जल बरगद पेड़ को भी अर्पित करना है।
इसके बाद विधि पूर्वक पूजन करें व्रत कथा पढ़ें या सुने।
अब लाल कलावा सात बार परिक्रमा करते हुए पेड़ में बांध दें।