WHO ने मंकीपॉक्स को घोषित किया ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 70 से अधिक देशों में फैलने वाले मंकीपॉक्स को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस के अनुसार अभी तक मंकीपॉक्स के 16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं जोकि असाधारण है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रसार का जोखिम जरूर है, लेकिन यातायात में हस्तक्षेप का जोखिम फिलहाल कम है। उऩ्होंने कहा कि इसका ट्रांसमिशन नए-नए तरीकों के जरिए हो रहा है, जिसके बारे में हमे बहुत कम जानकारी है। इसी को ध्यान में रहते हुए संगठन ने मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करने का फैसला किया है। यह वैश्विक और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर यह पैर पसार रहा है। वैसे उन्होंने यह भी कहा कि यूरोपीय क्षेत्रों में इसका जोखिम अधिक पाया गया है।

ग्लोबल इमरजेंसी की घोषणा करने का मतलब है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप एक “असाधारण घटना” है, जो अधिक देशों में फैल सकती है और इसके लिए समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। डब्ल्यूएचओ ने पहले सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जैसे कि कोविड-19 महामारी, 2014 में पश्चिम अफ्रीकी इबोला प्रकोप, 2016 में लैटिन अमेरिका में जीका वायरस और पोलियो उन्मूलन के लिए जारी प्रयास के लिए इमरजेंसी की घोषणा की थी।

आपातकालीन (इमरजेंसी) घोषणा ज्यादातर वैश्विक संसाधनों और प्रकोप पर ध्यान आकर्षित करने का काम करती है। यह देखते हुए कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी देशों को कार्रवाई करने में काफी हद तक शक्तिहीन है, पिछली घोषणाओं का मिश्रित प्रभाव था।