मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गीले कचरे से तैयार किए गए बायो सीएनजी संयंत्र की आधारशिला रखी गई। इस संयंत्र रोज़ाना इतनी सीएनजी बनेगी जिससे राजधानी में 250 बसें दौड़ सकेंगी।
भोपाल के डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी नगर में नव-निर्मित पुल के लोकार्पण के साथ गोबर-धन संयंत्र के लिए भूमि-पूजन करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल को स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए नागरिकों के सहयोग से प्रयास करने होंगे। भोपाल को मेट्रो सिटी, हाईटेक सिटी, क्लीन सिटी और इण्डस्ट्रियल सिटी बनाने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे। ऐसे में आगामी 01 जून को भोपाल का गौरव दिवस मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि, ‘गोबर धन संयंत्र की क्षमता 400 टन गीले कचरे को प्रतिदिन उपचारित करने की है। इस संयंत्र से आसपास के ग्रामों को जोड़ा जाएगा। गोबर से बायो सीएनजी प्लांट का निर्माण किया जाएगा। यह सीएनजी करीब 250 सिटी बसों के संचालन में उपयोगी होगी। बाजार दर से 05 रूपए कम कीमत पर सीएनजी बसों के संचालन के लिए उपलब्ध होगी। इससे सालाना एक लाख से अधिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ जाएगी। यह संयंत्र 80 करोड़ रूपए लागत का होगा। भोपाल नगर निगम को प्रतिवर्ष डेढ़ करोड़ से अधिक की रॉयल्टी की राशि भी मिलेगी।’