सर्दी का सितम जारी, रबी फसलों पर पाला, कोहरे का असर

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पूरे उत्तर भारत समेत देश के कई अन्य भागों में पिछले कुछ दिनों से सर्दी का सितम जारी है और अभी इससे जल्द निजात मिलने की संभावना भी नहीं दिख रही है। पूरा उत्तर भारत कई दिनों से कोहरे की चादर में लिपटा हुआ है और कुछ जगहों पर न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। तापमान में आई गिरावट से पाला पड़ने की आशंका बनी हुई है, जिससे रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि कोहरे से भी फसलों पर असर पड़ सकता है, हालांकि पाला से ज्यादा नुकसान हो सकता है। वैसी स्थिति अभी पैदा नहीं हुई है, लेकिन कोहरा छंटने और तापमान में गिरावट आने से पाला पड़ना अवश्यंभावी है।

पाला और कोहरे में अंतर

जब धूप नहीं निकलने से धरातल का तापमान काफी कम हो जाता है, जिससे वायु में गैसीय अवस्था में पानी यानी जल-वाष्प घनीभूत होकर जल की बूंदों में परिणत हो जाते हैं तो कोहरा छा जाता है। इस प्रकार वातावरण में नमी यानी आद्र्रता बनी रहती है। लेकिन जब बादल छंटता है और वातावरण का तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है और आद्र्रता कम होने से वायु शुष्क हो जाती है तो पाला पड़ता है। ऐसे स्थिति में पानी जमने लगता है।

कोहरे का फसल पर असर

कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि कोहरे की स्थिति में सूर्य का प्रकाश पर्याप्त नहीं मिलने से पौधे में प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया धीमी पड़ जाती है, जिससे पौधे का विकास रुक जाता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत आने वाले राजस्थान के भरतपुर स्थित सरसों अनुसंधान निदेशालय के कार्यकारी निदेशक पी. के. राय ने आईएएनएस को बताया कि सरसों की फसल पर फिलहाल कोहरे से कोई ज्यादा असर नहीं हुआ है, लेकिन भरतपुर, अलवर डिवीजन के कुछ इलाकों में सरसों पर सफेद रतुआ (व्हाइट रस्ट) के प्रकोप की शिकायत मिल रही है।