बिहार में 15 दिन में हुई 152 बच्चों की मौत, सरकार असहाय

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पटना| बिहार में लगभग दो दशकों से गर्मियों के मौसम में अज्ञात बीमारी से बच्चों के मरने का सिलसिला इस वर्ष भी जारी है। परंतु सरकार अब तक इस बीमारी का नाम भी पता नहीं कर पाई है। राज्य में अबतक इस अज्ञात बीमारी से 20 जिलों में 152 बच्चों की मौत हो चुकी है। जबकि अपुष्ट खबरों के मुताबिक यह संख्या कहीं अधिक है।

इस अज्ञात बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले में पिछले एक पखवारे में 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। जिले के सिविल सर्जन डॉ़ एस़ पी़ सिंह ने सोमवार को बताया, “इस बीमारी से अबतक जिले के विभिन्न अस्पतालों में 130 बच्चों की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस दौरान चमकी बुखार से करीब 600 पीड़ित बच्चे विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराए गए हैं।”

राज्य के स्वस्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “इस बीमारी से प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गया, जहानाबाद, किशनगंज, नालंदा, पश्चिमी चंपारण, पटना, पूर्णिया, शिवहर, सुपौल शामिल हैं। मुजफ्फरपुर जिले के बाद पूर्वी चंपारण जिला सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जहां 21 बच्चों की मौत हुई है।”

मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेमोरियल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) के शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष, डॉ़ जी़ एस़ सहनी ने कहा, “इस साल एक्यूट इंसेफेलाइटस सिंड्रोम (एईएस) से पीड़ित 450 मरीजों में से 90 प्रतिशत हाइपोग्लाइकेमिया (रक्त में शुगर की कमी) के मामले हैं। पिछले वर्षो में भी ऐसे 60-70 प्रतिशत मामले आए थे।”