महाराष्ट्र में दिखी गणेश उत्सव की धूम

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मुंबई। महंगाई व ईंधन की बढ़ती कीमतों से हटके महाराष्ट्र में भगवान गणेश उत्सव की धूम है। राज्य में दस दिन चलने वाले सबसे बड़े सार्वजनिक उत्सव की गुरुवार को शुरुआत हुई। राज्य भर में भगवान गणेश की करीब दस लाख बड़ी और छोटी मूर्तियां आम लोगों, हस्तियों, उद्योगपतियों और राजनेताओं, आवास परिसरों, निजी और सार्वजनिक कंपनियों में प्रतिष्ठित की गईं हैं। इसके मुंबई में सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों ने सार्वजनिक पांडालों में भव्य प्रतिमाएं लगाई हैं।

बृहन्मुंबई सर्वेशनल गणेशोत्सव समन्वय समिति (बीएसजीएसएस) के अध्यक्ष नरेश दहिभावकर ने कहा कि मुंबई में, निजी और सार्वजनिक स्थानों पर भगवान गणेश की करीब 3,00,000 से अधिक बड़ी और छोटी मूर्तियां और महाराष्ट्र भर में करीब दस लाख मूर्तियां स्थापित होंगी। आज के दिन की शुरुआत ‘स्थापना पूजा’ से हुई, इसके बाद परंपरागत ‘आरती’ व ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारे लगाए गए।

दादर में सिद्धिविनायक मंदिर, गोरेगांव व बोरिवली में गणेश मंदिर और राज्य के अष्टविनायक मंदिर सहित विभिन्न गणेश मंदिरों में विशेष प्रार्थना का आयोजन किया गया।मुंबई में करीब 11,500 बड़े खर्चे वाले गणेशोत्सव संघ है, जिनका बजट कई करोड़ रुपये है। करीब 1,95,000 मध्यम स्तर के हैं, जिनका बजट 5 लाख से 50 लाख तक है और इससे छोटे बजट में लाखों व्यक्तिगत व अन्य निजी आयोजक हैं।

दाहिभावकर ने मीडिया से कहा, इस साल हम पेट्रोल, डीजल व गैस की अत्यधिक कीमतों, बढ़ती महंगाई, जीएसटी के प्रभाव व दूसरे कारकों से उत्सव को प्रभावित किए बिना खर्च में कमी कर रहे हैं।

जीएसबी सेवा मंडल, किंग्स सर्कल अपने 14.5 फीट लंबी प्रतिमा का अनावरण करेगा। इसमें 68 किलो 22 कैरेट सोना व 327 किलो शुद्ध चांदी होगी। इसके अलावा हीरा जड़ित गहने हैं, जो ज्यादातर श्रद्धालुओं द्वारा दान किए हैं। यह इसे दुनिया का सबसे संपन्न गणपति समारोह पंडाल बनाता है।

अन्य उल्लेखनीय मूर्तियों की स्थापना में ठाणे के कोरम मॉल में ई-कचरे और सर्किट बोर्डो से पूरी तरह से बनाई गई 10 फीट लंबी मूर्ति व भाग्यश्री देशपांडे द्वारा 40,000 रंगीन कागज की पट्टियों से बनाई गई 5.2 फीट लंबी रूई से बनी प्रतिमा शामिल है।