कर्नाटक: प्रदर्शन के बीच सिनेमाघरों ने ‘काला’ की रिलीज टाली

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बेंगलुरू। कर्नाटक में सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स ने गुरुवार को तमिल सुपरस्टार रजनीकांत की बहुभाषीय फिल्म ‘काला’ की स्क्रीनिग को कन्नड़ा समर्थक कार्यकर्ताओं के कावेरी जल मुद्दे पर रजनीकांत की टिप्पणी के जबरदस्त विरोध के कारण टाल दिया।

एक मल्टीप्लेक्स के अधिकारी ने मीडिया को बताया, “हम सुरक्षा प्रदान किए जाने के बावजूद कन्नड़ रक्षणा वेदिके (केआरवी) कार्यकर्ताओं के फिल्म को लेकर विरोध की वजह से फिलहाल फिल्म की स्क्रीनिंग करने में सक्षम नहीं हैं।”

कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा फिल्म की सुरक्षित रिलीज के आदेश के मद्देनजर लगभग 120 सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में पुलिस की तैनाती की गई है लेकिन अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए सुबह और दोपहर के शो रद्द कर दिए गए हैं। अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, “हमने सुबह और दोपहर के शो के लिए टिकट नहीं बेचे। हालांकि, कई प्रशंसक फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने के लिए आए थे लेकिन हम प्रदर्शनकारियों को उकसावे की स्थिति में नहीं लाना चाहते और यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि तनाव की स्थिति नियंत्रण से बाहर न जाने पाए।”

केआरवी सहित कन्नड़ संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता फिल्म की रिलीज के विरोध में बेंगलुरू, मैसूर, हुबली, मेंगलुरु, बेल्लारी और बेलगावी में सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स के बाहर इकट्ठे हुए। केआरवी के अध्यक्ष प्रवीण शेट्टी ने संवाददाताओं से कहा, “हमारे लिए रजनीकांत की फिल्म की तुलना में कावेरी का पानी अधिक महत्वपूर्ण है। हमारा सम्मान और गर्व दांव पर है। उन्होंने (रजनीकांत) नदी के पानी के बंटवारे में तमिलनाडु का समर्थन कर हमें ठेस पहुंचाई है।”

फिल्म के लिए बुधवार को ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले कई प्रशंसक इस बात से निराश हैं वे अपनी पसंदीदा स्टार की फिल्म नहीं देख पाए। फिल्म तमिल के अलावा हिंदी, तेलुगू और अंग्रेजी में सब टाइटल के साथ रिलीज की गई है। फिल्म आलोचक प्रशांत संबारगी ने कहा कि दक्षिणी राज्य में काला की स्क्रीनिंग न होना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है।

संबरागी ने समाचार चैनलों से कहा, “मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ताओं को रोकने में नाकाम रहे हैं जिन्होंने कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद जैसी राजनीतिक और कानूनी लड़ाई को भावनात्मक मुद्दे में बदला और लोगों को मनोरंजन से रोका है।” उन्होंने कहा, “राज्य में हजारों प्रशंसकों, खासकर बेंगलुरू में प्रशंसकों को रजनीकांत की फिल्म देखने के उनके अधिकार से वंचित करना निराशाजनक है।”