कश्मीर में सीआरपीएफ वाहन से कुचले प्रदर्शनकारी की मौत के बाद बढ़ा तनाव

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श्रीनगर| एक दिन पहले अर्धसैनिक बल के एक वाहन के नीचे आने से घायल हुए प्रदर्शनकारी युवक की शनिवार को मौत हो गई। पहले से ही अस्थिर श्रीनगर में 21 वर्षीय युवक के जनाजे में शामिल सैकड़ों स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी की। शुक्रवार को हुई घटना में युवक के साथ दो अन्य लोग भी घायल हुए थे। जम्मू एवं कश्मीर में रमजान के दौरान घोषित संघर्षविराम के बीच इस घटना से हिंसा भड़कने की आशंका के चलते प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।

यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह घाटी का दौरा करने वाले हैं। वह केंद्र सरकार द्वारा 16 मई को रमजान के दौरान घोषित संघर्षविराम के बाद के हालात की समीक्षा करने वाले हैं। अंदरूनी चोटों के चलते कैसर अहमद की अस्पताल में मौत होने से श्रीनगर में पहले से ही तनाव का माहौल है। श्रीनगर के पड़ोसी शहर नौहट्टा में प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहन ने प्रदर्शनकारियों को टक्कर मार दी।

युवक की मौत के बाद और हिंसा भड़क उठी है। शनिवार को सैकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर कब्रिस्तान के पास ईदगाह मैदान की ओर मार्च किया और जनाजे की नमाज अदा की। भारत विरोधी नारे लगा रहे गुस्साए लोगों की भीड़ से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के धड़े अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को जनाजे में शामिल होने से रोकने के लिए अधिकारियों ने उन्हें उनके आवास में नजरबंद कर दिया।

जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासीन मलिक को भी श्रीनगर में गिरफ्तार कर लिया गया। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर और बड़गाम जिलों में मेबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी।