नई दिल्ली। संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि 2जी मुद्दे पर अगला कदम क्या होगा इसका निर्णय जांच एजेंसियां करेंगी। उन्होंने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मनमाना, दोषपूर्ण और भ्रष्ट था। सिन्हा ने कहा, “कांग्रेस पार्टी जो चकमा दे रही है वह सब गलत है।” उन्होंने यह भी कहा कि राजग सरकार के कार्यकाल में स्पेक्ट्रम आवंटन से जबरदस्त प्राप्ति हुई है।
यह पूछने पर कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फरवरी 2012 में 122 लाइसेंसों को रद्द करने के फैसले पर सरकार क्या करेगी, इस पर सिन्हा ने कहा, “सरकार अभी अदालत के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती है। जांच एजेंसियां तय करेंगी कि अगला कदम क्या होगा। सरकार उस फैसले पर सोच विचार करेगी। सर्वोच्च न्यायालय अपना फैसला दे चुकी है। 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मनमाना, दोषपूर्ण और भ्रष्ट था।”
सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सात साल बाद सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बाद सिन्हा दूरसंचार मंत्रालय में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। मंत्री ने राजग सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर अपनाए गए पारदर्शी नियमों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “स्पेक्ट्रम का अभाव अतीत की बात बन गई है। जिसके लिए ऑपरेटरों की तरफ से कोई शिकायत नहीं है।”
उन्होंने कहा कि 2001 में सरकार ने स्पेक्ट्रम का आवंटन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर तय किया था। लेकिन 2008 में संप्रग सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन पहले आओ पहले चुकाओ के तहत आवंटित किया।
सिन्हा ने कहा कि सीवीसी ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर पहले की संप्रग सरकार की आलोचना की थी जबकि उन्होंने राजग सरकार द्वारा 2015, 16 के आवंटन की सराहना की थी।