अयोध्या में दीपोत्सव से पहले रेत पर उकेरकर जीवंत किये जा रहे हैं रामायण कालीन प्रसंग

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राम नगरी अयोध्या में इस बार दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने की तैयारी जोरों से चल रही है। रामायणकालीन 15 स्वागत द्वार पर दीपोत्सव की आभा बढ़ा रहे हैं। जिसमें राम परिवार, निषादराज व अहिल्या आदि के नाम पर द्वार बनाए गए हैं। ये द्वार देशवासियों को त्रेतायुग की धरोहरों से साक्षात्कार कराएंगे। वहीं दूसरी ओर सरयू तट पर रेत पर रामायणकालीन सुंदर आकृतियां भी उकेरी जा रही हैं।

बता दें कि अयोध्या में रामायणकालीन चरित्रों का रेत के माध्यम से चित्रण अयोध्या सरयू तट पर स्थित वीवीआईपी सरयू अतिथि गृह के सामने वाराणसी से आये काशी विद्यापीठ फाइन आर्ट्स विभाग के छात्रों द्वारा किया जा रहा है।

रेत के माध्यम से उकेरी जा रही आकृतियों के बारे में रूपेश सिंह ने बताया कि उन्होंने यहां एक रामायण सीरीज के आधार पर कार्य किया है, इसमें सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी, फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कृति उकेरी जाएगी। इसके बाद भगवान राम के लंका विजय के बाद अयोध्या आगमन के समय से विभिन्न प्रसंगों को दिखाया जाएगा।

उकेरी जा रही कलाकृतियों के क्रम में सबसे पहले भगवान राम के पुष्पक विमान से आगमन, इसके बाद केवट अनुराग का प्रसंग, तत्पश्चात भरत मिलाप व चरण वंदना होगी। इसी क्रम में भगवान राम के अयोध्या आगमन पर प्रजा की महिलाओं द्वारा ढिंढोरा पिटवाना, माताओं द्वारा आरती उतारने के बाद राम दरबार की झांकी और अयोध्या में दीपोत्सव के प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा।