सबरीमाला में 70 से अधिक तीर्थयात्री गिरफ्तार

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सबरीमाला। सबरीमाला में बीती रात 70 से अधिक तीर्थयात्रियों को मंदिर परिसर में लागू निषेधाज्ञा का पालन न करने पर गिरफ्तार किया गया है, जिससे यहां और पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। कुछ नाराज हिंदू कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारे लगाए और पूरे राज्य के पुलिस थानों के सामने प्रार्थना आयोजित किए। केंद्रीय मंत्री के.जे. अल्फोंस ने इस कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है।

गिरफ्तारी की खबर फैलते ही तिरुवनंतपुरम में प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के निवास के पास एकत्र होकर नारे लगाने लगे। रविवार देर रात से तनाव उस समय और बढ़ गया, जब सबरीमाला और उसके आसपास लागू निषेधाज्ञा के बावजूद 200 से अधिक तीर्थयात्रियों ने परिसर खाली नहीं किया और भगवान अयप्पा के भजन गाते रहे और जयजयकार शुरू कर दिया।

अनुरोध किए जाने के बाद भी उन्होंने भजन जारी रखा। इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करने और जबरन उन्हें निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान 72 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।

अल्फोंस ने सबरीमाला निकलने से पहले निकक्कल में गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना करते हुए सोमवार को मीडिया से कहा, “मैं यह समझ नहीं पा रहा कि केरल पुलिस ने निषेधाज्ञा क्यों लागू की है। यह चीजों को संभालने का तरीका नहीं है। सबरीमाला के तीर्थयात्री कट्टरपंथी नहीं हैं। आप यहां बल प्रयोग नहीं कर सकते।”

केरल के देवासवम (मंदिर) मामलों के मंत्री कदकंपल्ली सुरेंद्रन ने आरोपों पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में कहा कि वे तीर्थयात्री नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गुंडे थे, जो भगवान अयप्पा मंदिर पर कब्जा जमाए हुए थे। इसके साथ ही उन्होंने इस कार्रवाई का समर्थन किया।

सुरेंद्रन ने कहा, “मैं उनके (अल्फोंस) जैसा तो नहीं हूं, जो एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे, फिर हमारे साथ विधायक बनें और उसके बाद केंद्रीय मंत्री, मैं एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता हूं। लेकिन उन्हें तथ्यों को बिना जाने ऐसा नहीं बोलना चाहिए था।”

वहीं, अल्फोंस ने कहा है कि वह यह पता करेंगे कि केंद्र से मिले 100 करोड़ रुपये की राहत राशि का राज्य में किस तरह इस्तेमाल किया गया है।

सुरेंद्रन ने कहा, “यह सच है कि केंद्र ने सबरीमाला में विभिन्न योजनाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि दी थी और इसका इस्तेमाल करने की समयसीमा जुलाई 2019 है।”

सुरेंद्रन ने कहा, “सितंबर में आई अचानक बाढ़ के कारण यहां हो रहा करीब 19 करोड़ रुपये की लागत वाला काम बर्बाद हो गया था।”