जानिए दीवाली से जुड़ी कुछ खास बातें

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दिवाली को दीपावली भी कहते हैं, यहाँ “दीप” का मतलब है “प्रकाश या दीपक” और “अवली” का मतलब है “पंक्ति या कतार”। यह “प्रकाश की पंक्ति” दीवाली के समय हर जगह जगमगाते दीपों को दर्शाती है। दीवाली में 3 से 5 दिन का उत्सव मनाया जाता है। पूर्णिमा से तेरहवें दिन धनत्रयोदशी या धनतेरस होती है। यह दीवाली के उत्सव का पहला दिन होता है। “धन” का मतलब है “संपत्ति या लक्ष्मी” और तेरस का मतलब है “तेरहवा दिन”। यह संपत्ति या धन की देवी माँ लक्ष्मी के लिए उत्सव मनाने का दिन है। भारत में कुछ जगहों पर मृत्यु के देवता प्रभु यमराज के लिए दीपक जलाकर रखे जाते हैं। चौदहवें दिन छोटी दीवाली या नरक चतुर्दशी होती है। हिन्दुओं का विश्वास है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने संसार को भय से मुक्त करने के लिए नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था। इस दिन पटाखे भी छोड़े जाते हैं। अगर घर पहले से साफ़ नहीं किये गये होते है तो इस दिन देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए सुबह ही साफ़-सफाई कर लेना चाहिये। दोस्तों और परिवार के बीच में प्रेम के बंधन को मज़बूत करने के लिए इस दिन उपहार और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया जाता है। रात्रि भोजन के बाद पटाखे चलाये जाते हैं।

धनतेरस

दीवाली के पहले दिन अर्थात् धनतेरस के दिन बर्तन और आभूषण खरीदने का रिवाज है। दीवाली के पहले दिन धनतेरस के पहले ही घर और व्यवसायिक स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें: कपडे धोएं, सभी कमरे साफ़ करें और अपने घर और व्यायसायिक स्थल दोना जगह के बही खाते या हिसाब-किताब पूरे करें। यह बरसात के कारण होने वाली गंदगी की सफाई करने के समान है, यह “सफाई वाली” रीति से आप खुद को वातावरण में उपस्थित किसी भी तरह के अनावश्यक तत्वों से मुक्त करते हैं।
चावल के आटे और सिन्दूर से अपने घर में चरणों के चिन्ह बनायें जो दर्शाता है कि आप देवी लक्ष्मी के आने का इंतज़ार कर रहे हैं।

अपने घर या व्यावसायिक स्थल के मुख्य द्वार पर रंगोली बनायें और सजाएँ

इसमें शामिल हैं-घंटियाँ, फूलों की माला, बन्दनवार, दर्पण, एलईडी लाइट्स आदि। धन और सम्पदा की देवी के स्वागत के लिए यह आनंददायक रास्ता अपनाएं। रंगोली की डिजाईन इन्टरनेट पर खोजी जा सकती हैं या यहाँ दिए गये सुझावों से आप प्रेरित हो सकते हैं। बाज़ार में रेडीमेड लकड़ी की रंगोली उपलब्ध हैं इन्हें बहुत खूबसूरती के साथ हाथों से बनाया जाता है और लकड़ी के हल्के टुकड़ों पर पेंट किया जाता है। इन्हें व्यवस्थित करने के कई तरीके होते हैं इसलिए अपनी रचनात्मकता को साकार करें और खुद की डिजाईन निर्मित करें।

उत्सव के समय हर रात दीपक जलाएं

शाम के समय, छोटे-छोटे तेल के दीपक जलाएं और इन्हें अपने घर के चारों ओर रखें। सभी लाइट्स जलाएं और कुछ मोमबत्तियां जलाएं। दीपक ज्ञान या आंतरिक प्रकाश के प्रतीक होते है जो आंतरिक शांति देते हैं और उपेक्षा और अंधकार के किसी भी निशान से लड़ने की शक्ति देते हैं।

चेतावनी

  • बच्चों के द्वारा पटाखे चलने पर किसी जिम्मेदार वयस्क को उन पर नज़र रखनी चाहिये |
  • जुआ केवल मज़े के लिए खेलें, पर इसका मतलब ये नहीं है कि इसे खेलकर अपने सारे पैसे जुये में हार जाएँ
  • कुछ निश्चित जगहों, धर्मों, राज्यों और शहरों में पटाखों को चलाने पर पाबन्दी रखी गयी है क्योंकि इसे गैरकानूनी माना गया है इसलिए इन्हें खरीदने से पहले जांच कर लें।
  • ऐसे स्थानों पर दिये न रखें जहाँ आग लगने की या बच्चों या पालतू जानवरों के पास जाने की सम्भावना हो।
  • पालतू जानवरों का ध्यान रखें और छोटे बच्चों को घर के अंदर और तेज़ तथा डरावने शोर से दूर रखें। अधिक जानकारी के लिए “पटाखे चलाते समय पालतू जानवरों का ध्यान रखें” लेख देखें।